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प्रसन्न कुमार खमेसरा

पिता: स्वरूप सिंह जी खमेसरा ,
माता: सुशीला जी खमेसरा,
जन्म: उदयपुर 17 जून 1964

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यथा नाम तथा गुण की उक्ति चरितार्थ करने वाले श्री प्रसन्न कुमार जी खमेसरा एक मृदुभाषी सेवा को तत्पर संगीत एवं कला को समर्पित एक ऐसे इंसान हैं जिनको मिलने के बाद भूल पाना कमोबेश असंभव है आईपीएस बेच 2003 के जुझारू और सक्षम अधिकारी के रूप में राजस्थान राज्य के विभिन्न जिलों में विभिन्न पदों को सुशोभित होते हुए आज जयपुर में बाहैसियत Dy. IGP (PMW) पदासीन है।

बचपन से संगीत की तरफ एक विशेष आकर्षण था जो युवा अवस्था में अपने परवान पर रहा मार्च सन 2013 मैं 4 हम ख्याल दोस्तों के साथ एक गुलाबी शाम की भीनी भीनी खुशबू के बीच चाय की चुस्कियों के साथ बरसों से दबा एक विचार को शेयर किया कि क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए कि हम अपनी भूली जा चुकी संगीत विद्या, कविता और शायरी जिसको आज की नौजवान पीढ़ी नजरअंदाज भी कर रही है को पुनर्जीवित करें बस क्या था सबकी हां शामिल हुई और सृजन द स्पार्क संस्था का जन्म हो गया।

अपने घनिष्ठ संबंधों के सहारे प्रसन्न जी ने ना सिर्फ उदयपुर शहर या राजस्थान के विभिन्न शहरों मैं अपितु राज्य के बाहर और विदेशों में इस संस्था का विस्तार करके संगीत और शायरी को एक नया आयाम दिया ।
आप ही के प्रयास से सृजन द स्पार्क उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, दुबई एवं लंदन में अपना विस्तार करते हुए संगीत एवं कला की सेवा में कार्यरत है ।

पिछले कई वर्षों में आपके सानिध्य और निर्देशन में अनगिनत संगीत के कार्यक्रम एवं अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर के मुशायरे का आयोजन विभिन्न शहरों में आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें प्रमुख है सृजन द स्पार्क का सालाना आयोजन जो देश और विदेश में जश्न ए परवाज के नाम से मशहूर और मारूफ है प्रतिवर्ष एक पुरस्कार सृजन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जाता है अभी तक यह पुरुस्कार पाने वालों की सर ए फेहरिस्त जिनमे मशहूर हस्तियां गजल गायक रूप कुमार राठौड़ टीवी आर्टिस्ट देश के प्रख्यात कवि शैलेश लोढ़ा महान संगीतकार आनंद जी भाई देश की जानी मानी संगीतकार भाइयों की जोड़ी आनंद मिलिंद महान गीतकार एवं कवि योगेश जी, जानी मानी गायिका उषा मंगेशकर इत्यादि प्रमुख हैं ।
हिंदुस्तान में असंख्य संगीत और कला के मर्मज्ञ और हुनरमंद लोग है जिन्होंने संगीत, गायकी, शायरी एवं कला के उत्थान के लिए अपनी जिंदगी लगा दी है लेकिन आज भी लोगों को उनके हुनर और उनके द्वारा किए गए कार्यों का पता ही नहीं है ऐसे लोगों को पता कर उन्हें सम्मानित करके उनकी पहचान को आमजन तक पहुंचाना जैसी सोच युग दृष्टा प्रसन्न जी खमेसरा साहब जैसे लोगों की ही हो सकती है इस कार्य को अंजाम देने के लिए आपने सृजन द स्पार्क संस्था में 6 पुरस्कार सृजन मास्टर मदन अवार्ड, सृजन नंदलाल बोस वार्ड, सृजन अमीर खुसरो अवार्ड, सृजन खेमचंद प्रकाश अवार्ड , सृजन पंडित ओमकारनाथ अवार्ड, सृजन वी ड़ी पुलस्कर अवार्ड स्थापित कर देश भर से आज तक विभिन्न क्षेत्रों की 30 से ज्यादा उन नामचीन हस्तियों को नवाज़ कर उनका न सिर्फ आभार प्रकट किया बल्कि कृतज्ञता निभाई।

प्रसन्न जी को जानने वाले अधिकतर लोगों को यह पता है कि सेवा के सभी कार्य वह पर्दे के पीछे रहकर ही करते हैं सभी काम उनके निर्देशन में ही होते हैं और उनके द्वारा ही पूरे किए जाते हैं बावजूद इसके वह इन सब कार्यों का सेहरा अपने साथी लोगों को ही देते हैं और इसी वजह से आज तक विभिन्न समाज एवं संस्थाओं ने इनके द्वारा किए गए कार्यों को रिकॉग्नाइज करते हुए इन्हें सम्मानित करने की पेशकश की लेकिन अपने स्वभाव अनुसार वह हमेशा मुस्कुराकर इसे टाल देते हैं और अवार्ड लेने के लिए मना कर देते है। आपकी सादगी और सहजता आपके जीवन शैली का आईना है।काफी हिचकिचाहट के बाद आपने कुछ अवार्ड्स जो क़बूल किये है उनमें प्रमुख है-

1) UNESCO fedration ” Chetna award” for social service
2) Mahaveer international Apex award for ” Communal Harmony”.
3) Honored by All India blood transfusion committee for motivations for blood donation.